गुरुवार, 20 जनवरी 2011

सुनो सरगम !


दुनिया बावली है , सरगम !
इसे बावलों के सिवा सब
बददिमाग़ नज़र आते हैं


हम कोई पाप नहीं कर रहे सरगम !
नहीं तो सोचो -
तुम्हारे और मेरे
दो अलहदा रास्ते
क्यों एक नज़र आते हैं !!


तेरी नियति से मेरी नियति
जुड़ गयी है , रे पगली !
"ये प्यार है"-
प्यार करने वाले कह जाते हैं ..

2 टिप्‍पणियां: