गुरुवार, 20 जनवरी 2011

सुनो सरगम !

लाखों-लाख सालों का वज़न लेकर प्यार-
लाखों-लाख टनों के आँसू लेकर प्यार -
लाखों-लाख इंसानों को पार करके प्यार -
करना -
करते रहना..

फिर निपट अकेले ही
हेल्थ-कार्ड उठाकर
वे दवाइयाँ ढूंढना
जो आज खानी हैं, और
दो - एक टेबलेट दबाकर
लाखों-लाख आगामी ज़िंदगियों
की डगर को सूनी
आँखों से तकना -
तकते रहना .. 

6 टिप्‍पणियां:

  1. लाखों-लाख आगामी ज़िंदगियों
    की डगर को सूनी
    आँखों से तकना -


    ??????
    समझ में नहीं आयी बात !

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  2. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

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  3. "यह पोस्टलेखक के द्वारा निकाल दी गई है." yh baat mujhe samjh me nhi aayi

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  4. समझाता हूं........पहले टिप्पणी करो ..फिर उसे डिलीट कर दो (मेरे ब्लाग पर ,अपने पर नहीं).......फिर उसे देखॊ.....समझ में आ जायेगा !

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  5. हां यार मुझे लिखावट की स्याही के रंग से समझ लेना था

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  6. शायद कविता का teller आगामी हर दिन एक नयी मौत मरता है ...कई जन्म भी लेता है ....इसलिए आगामी जिंदगियां

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